शारदा विद्या मंदिर, झाबुआ में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर जनजातीय नायकों की स्मृति को सम्मानित किया और उनकी समृद्ध विरासत का जश्न मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती दीपशिखा तिवारी ने आदरणीय मुख्य अतिथि श्री राजेश डावर का स्वागत किया। श्री डावर, जो भीमानायक वनांचल सेवा संस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, ने अपने उद्बोधन में जनजातीय समाज के अमूल्य योगदान और उनकी अनूठी संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी संस्कृति पर गर्व करने की प्रेरणा दी।
इसके बाद विद्यालय के सम्माननीय संचालक श्री ओम शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस के महत्व और विद्यार्थियों में संस्कृति के प्रति आदरभाव जागृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके शब्दों ने विद्यार्थियों को अपने इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का कार्य किया और उन्हें प्रेरणा दी।
कार्यक्रम की एक खास प्रस्तुति प्री-प्राइमरी के नन्हे-मुन्हे बच्चों द्वारा दी गई, जो पारंपरिक वेशभूषा में मंच पर आए और अपनी मासूमियत और उत्साह से सबका दिल जीत लिया। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों ने जनजातीय नायकों पर आधारित गीत, नृत्य और कविताओं की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे पूरे कार्यक्रम का माहौल रंगीन और सांस्कृतिक ऊर्जा से भर गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन उप-प्राचार्य मकरंद आचार्य ने किया
एवं शिक्षक अशोक सैंदाणे ने आभार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि श्री राजेश डावर, विजय जी मावी,पवन जी परमार , प्राचार्य दीपशिखा तिवारी, संचालक श्री ओम शर्मा और सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया, जिनकी सहभागिता से यह कार्यक्रम सफल हुआ।
जनजातीय गौरव दिवस के इस आयोजन ने विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक और गर्वित किया। विद्यालय की यह पहल विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायी अनुभव रही, जिससे वे अपने सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति और भी अधिक सम्मानित महसूस कर सके।